तेलगंना पुलिस : जय हो -जय हो.... श्रीगोपाल गुप्ता

तेलगंना पुलिस : जय हो -जय हो....


                श्रीगोपाल गुप्ता 


अमुमन जनता जब भी सड़क पर उतर कर बड़ा आन्दोलन करती है तो उसका सीधा सा मतलब होता है कि जनता सरकार, पुलिस और प्रशासन से किसी घटना आदि से नाराज है और अपने गुस्से का इजहार कर रही है! मगर सोचिये जब जनता पुलिस की जय-जय कार करने और पटाखे फोड़ कर पुलिस का शुक्रिया व्यकत करने के लिए हजारों की संख्या में सड़क पर उतर जाये तो इसका क्या मतलब है? कहा जा सकता है कि इसका सीधा सा मतलब है कि पुलिस ने जन आकांक्षाओं के अनुरुप कोई बड़े कारनामे को अंजाम दे दिया जिसकी जनता अपनी सरकार और पुलिस प्रशासन से जोरदारी से मांग कर रही थी! ये बिलकुल सत्य घटना हैदराबाद में  तेलगंना पुलिस के समर्थन में आज सुबह देखने को मिली जिसको पूरे देश के करोड़ों लोगो ने टीवी के माध्यम से देखा और जिसने भी देखा उसी ने तेलगंना पुलिस को धन्यवाद देते हुये शुक्रिया अदा किया! महिलाओं ने तो एक कदम आगे बढ़ाते हुये पुलिस के अधिकारी और जवानों को मिठाई खिलाकर, पटाखे फोड़कर और उनको सैल्यूट करके अभिनन्दन किया! दरअसल गत 27 नवंबर की रात में हैदराबाद की 27 वर्षिय पशु चिकित्सक डाॅक्टर दिसा का अपहरण कर चार लोगों ने उसके साथ क्रुरता,हैवानियत और खौफनाक तरीके से दुष्कर्म कर उसे जिंदा जला दिया था! इस घटना की सूचना के बाद संसद से लेकर सड़क तक समूचा देश उबल पड़ा! एक तरफ जहां संसद में राज्यसभा सदस्य व अभिनेत्री जया बच्चन इन दुर्दांत आरोपियों को जनता को सोंपकर सरेआम मौत के घाट उतारने की वकालात  कर रही थीं तो वहीं देश की सड़कों जनता इनको तात्काल फांसी के फंदे पर लटकाने की मांग कर रही थी!गत रात्री में घटना स्थल का रिक्रिशन करते वक्त आरोपियों ने पुलिस पर हमला कर भागने का प्रयास किया! जबावी कार्यवाही में पुलिस ने चारों को मार गिराया! 


हालांकि पुलिस ने इन वहसीं दंरिदों को घटना के दो दिन बाद ही गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया था जहां उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था! इससे मगर जनता का आक्रोश कम नहीं हुआ  बल्कि उसके गुस्से में ईजाफा हो गया, उसकी सीधी सी मांग थी इन दरिंदों को तात्काल फांसी दो! बहरहाल पुलिस ने न्यायालय से इन चारों को रिमांड पर लेकर अपनी विवेचना आगे बढ़ा दिया! पुलिस का कहना है कि विवेचना के तहत ही गत रात्री को पुलिस उन्हें घटना स्थल नेशनल हाइवे 44 पर बने एक पुल के नीचे लेकर आई! घटना का रिक्रिशन चल  ही रहा था कि सूनसान और झाड़ियों से घिरे इस स्थान पर आरोपियों ने पुलिस पार्टी पर हमला कर दौड़ लगा दी! लगभग 55 मीटर दौड़ने के उपरांत अपनी चेतावनियों को नजर अंदाज होते देख पुलिस ने उन पर गोली चलाकर ढैर कर दिया! हालांकि इस पुलिसिया कार्यवाही पर अनेक प्रश्न उठना शुरु हो गये हैं मगर जनता इन प्रश्नों से कोई इत्तेफाक नहीं रखती,उसकी नजर में ये इंसाफ है जो सही समय पर हुआ ! जिसका सबसे बड़ा सबूत है कि आज हैदराबाद की सड़कों पर उतरा जनसेलाब जो पुलिस के समर्थन में जोरदार नारेबाजी कर रहा है! शायद ये पहला अवसर है कि केवल हैदराबाद ही नहीं बल्कि देश के कई हिस्सों में सड़कों पर हजारों-हजारों लोगों की जमा भीड़ पुलिस का यशोगान कर रही है! पीड़िता के पिता और बहन इतना त्वरित न्याय मिलने पर पुलिस का आभार व्यक्त करते हुये कह रहे थे कि हमारी बेटी को इतनी जल्दी न्याय मिल गया उसके लिए हम पुलिस के आभारी हैं! इसके अलावा दिल्ली के जघन्य निर्भया कांड में अपनी बेटी को खोने वाले निर्भया के माता-पिता ने भी हैदराबाद पुलिस के इस कदम की सराहना करते हुये अपने दर्द को बयां किया कि हमारी बेटी के साथ घटना हुये सात वर्षों से हम न्यायालय के चक्कर पर चक्कर काट रहे हैं और अपराधी जिन्हें जीने का हक नहीं है वे अभी तक जिंदा हैं! पुलिस की चारों तरफ वाहवाही हो रही है नेताओं से लेकर आम आदमी पुलिस का शुक्रिया अदा कर रहें हैं तो यह मांग भी उठ रही है कि दुषकर्मियों के साथ इसी तरह से पेश आना चाहिए!हालांकि अपने देश का कानून इस तरह की इजाजत नहीं देता है मगर जिस तरीके से तेलगंना पुलिस को समूचे देश का जोरदार समर्थन मिल रहा है उससे ये संभावनाऐं प्रबल हो जाती हैं कि पीड़ितों को "तारीख पर तारीख" से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार को ऐसा ही कुछ नया सख्त कानून दुष्कर्मियों के खिलाफ लाना होगा जिससे त्वरित न्याय की आशाओं की किरण जागे! फिलहाल देश जाने-अंजाने में दुष्कर्मियों और पुलिस के बीच हुये इस मुठभेड़ कांड में दुष्कर्मियों के मारे जाने पर गदगद है और तेलगंना पुलिस जय हो-जय हो के उदघोष में तल्लीन है!