मुरैना में दो करोना की पॉजिटिव मिले प्रशासन चलवाता रहा शहर में डंडा

 



  1. मुरैना करोनाके2 पॉजिटिव मिले प्रशासन शहर में डंडे से चलाता रहा


गिर्जेश गर्ग
       चम्बल माता


            


दुनिया जिससे हिल रही है या जिसने दुनिया को वर्तमान में हिला रखा है, वो है कोविड-19 मतलब कोरोना वायरस! अभी तक तो नहीं मगर हां गत 22 मार्च तक हमारी सरकार या हमारी राज्य सरकारें सो रहीं थी और निश्चिंत थी कि यह वायरस चीन में सक्रिय है और वहां मौत का तांडव कर रहा है तो हमें चिंता करने की और बेवजह तनाव लेने की क्या जरुरत है? कांग्रेस तत्स समय इस उधेड़ बुन लगी थी की हमें अपनी मप्र सरकार बचानी है तो भारतीय जनता पार्टी का नया संस्करण इस सोच में डूबा था कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया मिल जाए तो कांग्रेस की लंका में आग लगा ही देना चाहिए और देखते-देखते वो सब हो गया जो मप्र में राज्य की जनता ने कभी सोचा भी नहीं था! नतिजन जब-तक प्रदेश में भाजपा की  सरकार बन नहीं गई,तब तक देश के यशश्वी प्रधानमंत्री जी ने लाॅकडाऊन की अपनी जरुरी और भारतीयों के साथ जानलेवा बीमारी से बचाव केलिए जनताकर्फूकी घोषणा  22 मार्च को जब मप्र में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बन गये तब लाॅकडाऊन की घोषणा विश्व के सबसे लोकप्रिय और लाड़ले प्रधानमंत्री ने 24 मार्च को बिना सोचे समझे देश भर में लाॅकडाऊन की घोषणा कर दी! उसके आगे की कहानी हम सबके सामने है! 


ऐसे में अब ये सवाल ये उठना लाजिमी है कि लाॅकडाऊन की घोषणा के बाद लाखों मजदूर और निजामुद्दीन मकरज से शामिल हुये जिहादी या फिर सत्तारुण दल के नेताओं के बयानों के अनुसार कोरोना वायरस से लवरेज  देश विरोधी मानव बंम मिंयाओं की जमात चंबल संभाग के इस ऐतिहासिक चंबल घाटी के जिला मुरैना से गुजर गये या गुजर रहें हैं, बावजूद इसके कल तक किसी के कोरोना वायरस के पाॅजीटिव होने का समाचार नहीं मिला! मगर आज अचानक ऐसा क्या हो गया कि पुलिस अपनी जान-जाॅखिम में डालकर लठ्ठ पर लठ्ठ बजाती रही और मुरैना जिले की यशश्वी कलेक्टर महोदया बड़ी शान से फोटो खिंचवाती हुई प्रियंका दास अपनी कुर्सी से चिपकी रहकर दान लेती रहीं दान देने वाले चाहे विधायक हो या शहर के सम्मान जनक नागरिक समाज सेवी या कोई बुजुर्ग महिला जबकि दान लेते समय बुजुर्गों को सम्मान देते हुए अपनी सीट से खड़े होकर लिया जाता है जबकि आजकल मुरैना में दान कुर्सी पर बैठकर दिया जाता है जैसे कोई दान नहीं दे रहा बल्कि वह किसी दवाब में दे रहा हो ऐसा प्रतीत होता हैऔर चम्बल संभाग की आयुक्ता श्रीमती रेणु तिवारी के कार्यालय की नाक के नीचे दो लोग वार्ड 47 के प्रेमनगर के पति-पत्नी कोरोना वायरस से पीड़ित मिल गये! ये बहुत ही गंभीर और चिंता का विषय है कि "मैं भी कबाड़ी हूं का फोटो खिचवाने और वीडियो शेयर करने वाली माननीया के अथक प्रयासों के बावजूद वो बात हो गई और जिसका डर था बेदर्दी वही बात हो गई? क्या अब भी चम्बल संभाग की मुखिया और क्लेक्टर फोटो खिचवाने की अपनी आदत को छोड़कर अपनी ड्यूटी या अपने कर्तव्य को समझेंगी? या फिर उनके रहते चम्बल संभाग विशेषकर मुरैना जिले की आम और निरीह जनता पर डंडा परैड का यह अखिल भारतीय लोकप्रिय कार्यक्रम जारी रहेगा ?